हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti)
हनुमान जी की आरती न केवल हनुमान जी की वंदना है अपितु भक्तों में हनुमान जी के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का सर्वोत्तम तरीका है। हनुमान जी की आरती करने के साथ अगर श्री राम जी की आरती भी करते हैं तो राम भक्त हनुमान जी की विशेष कृपा होती है |
वैसे तो हनुमान जी की पूजा एवं वंदना करते समय सर्वप्रथम हनुमान चालीसा ही याद आती है , और भक्तों में हनुमान जी की चालीसा अति लोकप्रीय है, पर मंगलवार को हनुमान चालीसा के साथ-साथ, आरती एवं पूजन करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं |
संकट मोचन श्री हनुमान जी की पूजा करते समय उनकी आरती की जाती है |जब बात सभी देवी देवताओं को प्रसन्न करने की आती है तो सर्व प्रथम एवं सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान् श्री हनुमान जी ही हैं |
हनुमान जी की आरती Lyrics (Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi)
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमान जी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
Hanuman Ji Ki Aarti with Lyrics By Hariharan – हनुमान जी की आरती Video Lyrics (हनुमान जी की आरती वीडियो)
Video Credits- Album: Aartiyan, Shree Hanuman Chalisa – Hanuman Ashtak Singer: Hariharan Music Director: Lalit Sen, Chander Lyricist: Traditional Music Label: T-Series
Hanuman ji aarti Audio – हनुमान जी की आरती लगाइए
आरती करने की विधि
आरती करने से पहले आरती करने की सब सामग्री एकत्रित कर लीजिये। एक थाली में आरती का दिया रख कर उसमे शुद्ध कपास यानि रुई से बत्ती बना कर शुद्ध घी से दिए को बना लें। यदि शुद्ध घी उपलब्ध न हो तो तेल का प्रयोग करके आरती का दिया बना लें। इसके अलावा शुद्ध कपूर से भी आरती की जा सकती है।
आरती की थाली में पुष्प यानि फूल और भोग लगाए जाने वाले फल या मिष्ठान को भी रख सकते हैं। आरती शुरू करने से पहले शंख वादन करें। शंख की ध्वनि से वातावरण शुद्ध हो जाता है और तत्पश्चात आरती एवं पूजन करने से विशेष लाभ होता है।
आरती का उच्चारण करते समय थाली को घड़ी के कांटो की डिश में घुमाएं और भगवान् को आरती वंदना अर्पित करें। आरती का उच्चारण शुद्ध करें। हर शब्द का सही उच्चारण करे। आरती करने के साथ साथ घंटी बजाएं और आरती करने के पश्चात सभी भक्तों को आरती की थाली का दर्शन कराएं एवं भोग लगये हुए प्रसाद का वितरण करे।
हनुमान जी की आरती कब करनी चाहिए ?
मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है। हनुमान जी की आरती मंगलवार एवं शनिवार को करने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा हनुमान जयंती के पावन अवसर पर हनुमान जी की आरती अवश्य करनी चाहिए।
हनुमान जी की आरती करने से क्या लाभ होता है ?
हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है, अतः हनुमान जी की आरती करने से सब संकट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी की आरती करने से सभी रोग व दोष दूर हो जाते हैं।
हनुमान जी की आरती में भोग क्या लगाएं ?
वैसे तो बजरंगबली की आरती करते समय भक्त-गण अपनी श्रद्धा से फल, मिष्टान, इत्यादि भोग लगा सकते हैं। पर हनुमान जी की पूजा में लड्डू – मोती चूर के लड्डू एवं बेसन के लड्डू चढाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
हनुमान जी की आरती के बाद किसकी आरती करें?
हनुमान जी आरती करते समय, आरती से पूर्व ये पश्चात श्री राम जी आरती भी करनी चाहिए। हनुमान जी प्रभु श्री के परम भक्त हैं, अतः उनके आराध्य की पूजा करने से हनुमान जी और भी प्रसन्न हो जाते हैं।