कृष्ण जी के 100 नाम: श्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं और उन्हें परमात्मा का एक अवतार माना जाता है। वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार में आते हैं, जिन्हें “पूर्णावतार” भी कहा जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा नगर में हुआ था, और उनका यहां प्रमुख लीला स्थल है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो श्रीकृष्ण के बारे में हैं:
- बाल लीला:
- श्रीकृष्ण का बाचपन बहुत प्रिय है, जब वे माखन चोरी करते थे और गोपियों के साथ रास लीला करते थे।
- उनका नंदनी गाँव में बचपन बिताना बहुत ही खास है और इसे “ब्रज लीला” कहा जाता है।
- गीता उपदेश:
- श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्धभूमि में अर्जुन को भगवद गीता में उपदेश दिया था, जो धर्म, कर्म, और भक्ति के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझाता है।
- रास लीला:
- श्रीकृष्ण की गोपियों के साथ रास लीला उनकी प्रेम और विश्व को प्रेम के प्रति आमंत्रित करने वाली दिव्य लीलाएं हैं।
- महाभारत का युद्ध:
- श्रीकृष्ण ने महाभारत के समय अर्जुन को भगवद गीता के माध्यम से उपदेश दिया और उन्होंने पांडवों की सहायता की।
- ब्रज नगरी द्वारका:
- उनका जन्म द्वारका में हुआ था, जो कि उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित है। इसी कारण उन्हें “द्वारकाधीश” भी कहा जाता है।
- राजा और राजकुमारीयों के साथ लीला:
- श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास लीला के अलावा राजकुमारीयों और राजाओं के साथ भी विभिन्न लीलाएं आचरण की।
- माक्हन चोरी:
- उनका माखन चोरी करना बाललीला का हिस्सा है और यह उनकी शरारत और बाल कृष्ण की प्राकृतिकता को दिखाता है।
- विराट रूप:
- महाभारत के समय, श्रीकृष्ण ने अपना विराट रूप दिखाया, जिसमें उन्होंने अपनी दिव्य स्वरूप का दर्शन कराया।
- बांसुरीवादन:
- उनका बांसुरीवादन भक्तों के मन को मोहन में ले जाता है, और इसे उनकी लीलाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
श्रीकृष्ण भगवान के विभिन्न आश्रम और रूपों का प्रतीक हैं, और उनकी कथाएं, लीलाएं, और उपदेशों से भक्तों को मार्गदर्शन होता है।
भगवान श्री कृष्ण जी के 100 नाम | Krishna Ke Naam | कृष्णा के 100 नाम हिंदी में
श्री कृष्ण जी के 100 नामों की सूची निम्नलिखित है:
- कृष्ण
- कमलनाथ
- योगेश्वर
- यदुपति
- यदुश्रेष्ठ
- गोपाल
- वासुदेव
- जगन्नाथ
- मथुराधीश
- द्वारकाधीश
- व्रजेश
- गोविन्द
- माधव
- मुरलीधर
- नन्दनंदन
- दामोदर
- मुरारि
- बाणमाली
- ब्रजनायक
- यमिनीपति
- गोकुलेश
- श्याम
- शरणागतवत्सल
- देवकीनन्दन
- कान्हा
- रासभूमि
- ब्रजेश्वर
- माखनचोर
- नीलमेघश्याम
- राधिकारमण
- मुकुन्द
- ब्रजराज
- श्रीधर
- जगमोहन
- गोविन्दनाथ
- वत्सल
- केशव
- रासिक
- मधुसूदन
- यादवेन्द्र
- कान्हू
- गोवर्धनाधारी
- अखिलेश
- मनमोहन
- श्रीजीवन
- बलभद्र
- योगी
- सर्वाधार
- वृष्णिवल्लभ
- श्रीनायक
- परब्रह्मा
- ब्रजकिशोर
- योगगम्य
- योगानन्द
- ब्रजबिहारी
- अनादिनिधन
- नंदकिशोर
- ब्रजबानी
- सुप्रभात
- नंदनंदन
- श्रीमान
- बालक
- कानपति
- गोपिजीवन
- मनोहर
- नंदनंदन
- मधुराधिप
- कुंजबिहारी
- गोकुलाधीश
- गोकुलानन्दन
- वृन्दावनेश
- गिरिधर
- संकटहारी
- अप्सरासम्मोहन
- कृष्टाय
- कृपालु
- सर्वकान्त
- मोहन
- माधव
- मुरारि
- रथकृष्ण
- चारुपाद
- राजकुमार
- दीनबंधु
- कलिन्दनन्दन
- गोकुलातीर्थ
- अव्यय
- श्रीवत्सवक्ष
- गोपालप्रिय
- मुरलीमनोहर
- मुरलीधर
- वृष्णिवल्लभ
- यदुनायक
- वसुदेव
- सुव्रत
- योगीन्द्र
- माधवेश
- मुरारी
- माधव
- वृष्णिप्रिय
ये नाम सिर्फ कुछ हैं, और भगवान कृष्ण के अनगिनत नाम हैं जो उनके विभिन्न गुण, लीलाएं, और महत्त्व को दर्शाते हैं।
कृष्ण जी के 100 नाम की सूची -हर नाम का अर्थ विस्तार से | Names of Krishna | भगवान कृष्ण के 100 नाम
श्री कृष्ण जी के 100 नामों की सूची हिंदी में नीचे दी गई है, जिसमें हर नाम का अर्थ विस्तार से बताया गया है:
- कृष्ण – सबका कल्याण करने वाला
- कमलनाथ – कमल के स्वामी
- योगेश्वर – योग के स्वामी
- यदुपति – यदु वंश के राजा
- यदुश्रेष्ठ – यदुओं में श्रेष्ठ
- गोपाल – गौओं का पालक
- वासुदेव – वासुदेव का पुत्र
- जगन्नाथ – जगत के स्वामी
- मथुराधीश – मथुरा के राजा
- द्वारकाधीश – द्वारका के स्वामी
- व्रजेश – व्रज के नायक
- गोविन्द – गौओं का बंधन करने वाला
- माधव – महत्त्वपूर्ण कल्याण करने वाला
- मुरलीधर – मुरली को बाँधने वाला
- नन्दनंदन – नंद के पुत्र
- दामोदर – दामन को बाँधने वाला
- मुरारि – शत्रुओं को मारने वाला
- बाणमाली – बाण धारी
- ब्रजनायक – ब्रज के नायक
- यमिनीपति – रात्रि के स्वामी
- गोकुलेश – गोकुल के स्वामी
- श्याम – श्यामवर्ण के धारी
- शरणागतवत्सल – शरणागतों के प्रिय
- देवकीनन्दन – देवकी के पुत्र
- कान्हा – कान्हा
- रासभूमि – रासलीला का स्थान
- ब्रजेश्वर – ब्रज के स्वामी
- माखनचोर – माखन चोर
- नीलमेघश्याम – नीले मेघ की तरह काले शरीर वाला
- राधिकारमण – राधिका के मनोहर
- मुकुन्द – मुक्ति देने वाला
- ब्रजराज – ब्रज के राजा
- श्रीधर – श्री को धारण करने वाला
- जगमोहन – जगत को मोहने वाला
- गोविन्दनाथ – गौओं का नाथ
- वत्सल – प्रियतम
- केशव – केशिनाशन
- रासिक – रास लीला का भोगी
- मधुसूदन – मधुवन शांत करने वाला
- यादवेन्द्र – यादवों के नेता
- माधवेन्द्र – माधव के राजा
- द्वारकाधीश – द्वारका के स्वामी
- शिकण्डी – शिखा के धारण करने वाला
- योगिनांग – योगियों के आदर्श
- वृषभानुज – वृषभानु के पुत्र
- योगेन्द्र – योगियों के राजा
- गोपीजीवन – गोपियों का जीवन
- दासार्थ – भक्तों के सारथी
- व्रजनायक – व्रज के नेता
- नीलकण्ठ – नीले विलक्षण आंखों वाला
- कान्चनाङ्ग – सुनहरे शरीर वाला
- गोकुलाधिप – गोकुल के प्रभु
- यादवेश – यादव वंश के नेता
- मुकुटविशेष – मुकुट से शोभित
- योगिनीप्रिय – योगिनियों के प्रिय
- वृषभारूढ – वृषभ के बैठने वाला
- मुकुन्द – मुक्ति देने वाला
- यमुनातीरवास – यमुना के तट पर वास करने वाला
- यमुनाजीवन – यमुना के जीवनदाता
- सारंग – मृग की तरह चालने वाला
- व्रजेश – व्रज के नेता
- मुरलीविहारी – मुरली बजाने वाला
- गोपीकान्त – गोपियों का पति
- वृषभासुधार – वृषभ की बारिश करने वाला
- मुरलीधर – मुरली को धारण करने वाला
- माधव – मधुसूदन
- मधुरिपु – मधुरा के पुत्र
- यदुवंशज – यदुओं के वंशज
- वत्सवल – प्रियतम
- बालकृष्ण – बालक
- यमुनाकुलनायक – यमुना के कुल नायक
- योगी – योगी
- वृषभरूप – वृषभ की तरह रूपवाला
- यादवेन्दु – यादवों का चंद्रमा
- श्रीधर – श्री को धारण करने वाला
- गोविन्द – गौओं का बंधन करने वाला
- मुरारि – शत्रुओं को मारने वाला
- बाणमाली – बाण धारी
- ब्रजराज – ब्रज के राजा
- श्रीकांत – श्री के पति
- नीलमेघश्याम – नीले मेघ की तरह काले शरीर वाला
- राधिकारमण – राधिका के मनोहर
- मुकुन्द – मुक्ति देने वाला
- व्रजराज – व्रज के राजा
- श्याम – श्यामवर्ण के धारी
- शरणागतवत्सल – शरणागतों के प्रिय
- देवकीनन्दन – देवकी के पुत्र
- कान्हा – कान्हा
- रासभूमि – रासलीला का स्थान
- ब्रजेश्वर – ब्रज के स्वामी
- माखनचोर – माखन चोर
- नीलकण्ठ – नीले विलक्षण आंखों वाला
- कान्चनाङ्ग – सुनहरे शरीर वाला
- गोकुलाधिप – गोकुल के प्रभु
- यादवेश – यादव वंश के नेता
- मुकुटविशेष – मुकुट से शोभित
- योगिनीप्रिय – योगिनियों के प्रिय
- वृषभारूढ – वृषभ के बैठने वाला
- मुकुन्द – मुक्ति देने वाला
- यमुनातीरवास – यमुना के तट पर वास करने वाला
ये थे श्रीकृष्ण जी के 100 नाम और उनके अर्थ। हर नाम में श्रीकृष्ण की अद्वितीयता, कल्याणकारिता, और लीला रूपी गुणों की महत्वपूर्ण बातें हैं।
Names of Krishna | 100 Names of Krishna in English | 100 Names of Shree Krishna
Here are 100 names of Lord Krishna in English:
- Krishna – The All-Attractive One
- Kamalanath – Lotus-Naveled Lord
- Yogeshwar – Lord of Yoga
- Yadupati – Lord of the Yadavas
- Yadushreshth – The Best among the Yadus
- Gopala – Protector of Cows
- Vasudev – Son of Vasudev
- Jagannath – Lord of the Universe
- Mathuradhish – Lord of Mathura
- Dwarakadheesh – Lord of Dwaraka
- Vrajesha – Lord of Vraja
- Govinda – One who gives pleasure to cows
- Makhanchor – Stealer of Butter
- Nandanandan – Son of Nanda
- Damodar – Lord with a rope around his waist
- Murari – The Enemy of the Demon Mura
- Banamali – Wielder of the Bow
- Brajranjan – Darling of Vraja
- Neelameghashyam – Lord with a blue-complexioned body
- Radhikaraman – Beloved of Radha
- Makhanachor – Butter Thief
- Neelakantha – Blue-Throated One
- Kanchanang – Golden Bodied
- Gokuleesh – Lord of Gokul
- Shreedhar – The One who holds Lakshmi
- Jagmohan – The All Attractive One
- Govindanath – Lord of the Cowherds
- Mathuranath – Lord of Mathura
- Keshav – Slayer of the Keshi Demon
- Rasbhari – Lover of the Divine Dance
- Madhav – Husband of the Goddess of Fortune
- Yadvendu – The Moon of the Yadus
- Mathavendra – The Lord of Mathura
- Dwarakadish – Ruler of Dwaraka
- Shyam – Dark-Complexioned
- Sharangdhar – Holder of the Saranga Bow
- Vatsal – Affectionate to Devotees
- Keshav – One with beautiful hair
- Rasik – Connoisseur of the Divine Melodies
- Yamunatiravas – Residing on the Banks of the Yamuna
- Yamunajivan – The Life of the Yamuna River
- Sarangapani – Holding the Saranga Bow
- Yoganand – Delighter in Yoga
- Vrishabharudha – One who rides the Bull
- Mukunda – Giver of Liberation
- Yogesh – The Lord of Yoga
- Gopinath – Lord of the Gopis
- Vatsalya – Full of Parental Love
- Balakrishna – The Infant Krishna
- Yoganidhi – The Treasure of Yoga
- Vrishabhaanuja – The Son of Vrishabhanu
- Yogen – The Lord of Yoga
- Govindananda – The Bliss of Govinda
- Mathurapati – Lord of Mathura
- Dwarakapuri – Resident of Dwaraka
- Shyamsundar – Beautiful Dark Lord
- Muraripriya – Beloved of the Enemy of Mura
- Banavari – The Enemy of the Forest
- Vatsapriya – Lover of Cows
- Balarupa – The Form of Strength
- Yamunajivan – The Life of the Yamuna River
- Yoganidhi – The Treasure of Yoga
- Gopinath – Lord of the Gopis
- Vatsalya – Full of Parental Love
- Balakrishna – The Infant Krishna
- Yoganidhi – The Treasure of Yoga
- Vrishabhaanuja – The Son of Vrishabhanu
- Yogen – The Lord of Yoga
- Govindananda – The Bliss of Govinda
- Mathurapati – Lord of Mathura
- Dwarakapuri – Resident of Dwaraka
- Shyamsundar – Beautiful Dark Lord
- Muraripriya – Beloved of the Enemy of Mura
- Banavari – The Enemy of the Forest
- Vatsapriya – Lover of Cows
- Balarupa – The Form of Strength
- Yamunajivan – The Life of the Yamuna River
- Yoganidhi – The Treasure of Yoga
- Gopinath – Lord of the Gopis
- Vatsalya – Full of Parental Love
- Balakrishna – The Infant Krishna
- Yoganidhi – The Treasure of Yoga
- Vrishabhaanuja – The Son of Vrishabhanu
- Yogen – The Lord of Yoga
- Govindananda – The Bliss of Govinda
- Mathurapati – Lord of Mathura
- Dwarakapuri – Resident of Dwaraka
- Shyamsundar – Beautiful Dark Lord
- Muraripriya – Beloved of the Enemy of Mura
- Banavari – The Enemy of the Forest
- Vatsapriya – Lover of Cows
- Balarupa – The Form of Strength
- Yamunajivan – The Life of the Yamuna River
- Yoganidhi – The Treasure of Yoga
- Gopinath – Lord of the Gopis
- Vatsalya – Full of Parental Love
- Balakrishna – The Infant Krishna
- Yoganidhi – The Treasure of Yoga
- Vrishabhaanuja – The Son of Vrishabhanu
- Yogen – The Lord of Yoga
These names highlight various aspects of Lord Krishna‘s divine personality and his multifaceted nature.